Bajrang Baan: जय हनुमन्त संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी
दोहा निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान । तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करें हनुमान ॥ जय हनुमन्त संत हितकारी । सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।। जन के काज बिलम्ब न कीजै । आतुर दौरि महासुख दीजै ।। जैसे कूदी सिन्धु महि पारा । सुरसा बदन पैठी विस्तारा ।। आगे जाय लंकिनी रोका