पटना: CM नीतीश कुमार के 5 विभाग को छोड़ दें तो इन 8 मंत्रियों में 40 विभागों का बंटवारा हो चुका है। दोनों उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी के पास 9-9 विभागों की जिम्मेदारी है तो वहीं दूसरे मंत्रियों के पास 6-5-4 ऐसे करके विभाग दिए गए हैं।
यहां तक तो बात ठीक है लेकिन सरकार चलाने के लिए और भी मंत्री चाहिए जिसको लेकर खासकर बीजेपी में महामंथन और सरकार में मच-मच मचा हुआ हुआ है। ऐसे अंदरखाने की माने तो इस बार भी 2020 के फार्मूले पर ही जेडीयू और बीजेपी के बीच विभागों का बंटवारा होना है। जिसमें जेडीयू 19 और भाजपा के पास 23 विभाग हैं। हां इस बार भाजपा 21 से 23 पर पहुंच गई है।
महामंथन को दौर जारी!
जहां तक किस नेता को कौन सा विभाग मिलेगा इसको लेकर कयास का दौर जारी है। जेडीयू की बात की जाए तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने कोई समस्या नहीं है। वो इस बार भी कुछ नामों को छोड़ दिया जाए को उन्हीं पर भरोसा जताएंगे जो पिछली बार उनके मंत्रीमंडल में शामिल रहे थे। संजय झा के राज्यसभा जाने के बाद सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, जल संसाधन पर नीतीश कुमार गंभीरता से विचार कर रहे हैं।
कौन बनेगा मंत्री?
अब नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले संभावित चेहरों में जिन्होनें शपथ ले ली है उनको छोड़कर बीजेपी नेताओं में मंगल पांडेय,शाहनवाज हुसैन, नितिन नवीन, रामप्रीत पासवान, जनक राम, श्रेयशी सिंह ,नवल किशोर यादव के नामों पर चर्चा है वहीं जदयू कोटे से अशोक चौधरी, महेश्वर हजारी,सुनील कुमार सिंह, मदन सहनी, लेसी सिंह, शीला मंडल, जयंत राज के नामों की चर्चा है। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अशोक चौधरी को जल संसाधन मंत्री बना सकते हैं। वहीं बीजेपी ब्राह्मण चेहरा के रूप में मंगल पांडेय को कोई भारी भरकम विभाग एक बार फिर सौंप सकती है। साथ ही शाहनवाज हुसैन को उद्योग विभाग एक बार फिर दिया जा सकता है।
मार्च के पहले सप्ताह मंत्रिमंडल विस्तार!
हालाकिं मंत्रिमंडल विस्तार मार्च के पहले सप्ताह में होने की संभावना है। ऐसे में इस बीच कुछ और नाम भी अंदर या बाहर हो सकते हैं। थोड़ा और इंतजार कीजिए। बजट सत्र के बाद बीजेपी और जेडीयू अपने अपने नेताओं को जातीय समीकरण के आधार पर विभागों का बंटवारा कर देगी। लेकिन इन सब के बीच जीतन राम मांझी को भी मनाए रखना बीजेपी और नीतीश कुमार के लिए आसान नहीं होगा। क्योंकि वो कब क्या बोलेंगे वो उन्हें भी पता नहीं होता है। ऐसे इन सब के ऊपर बिग बॉस पीएम मोदी हैं और सबको अपनी अपनी सीट लोकसभा में निकालनी है तो फिर लोकसभा चुनाव तक तो सब एक दूसरे से चिपके रहेंगे। हां लोकसभा चुनाव के बाद एक बार फिर बिहार विधानसभा चुनाव (2025) के पहले सियासी गठजोड़ इधर से उधर हो जाए तो आश्यर्य नहीं कीजिएगा। क्योंकि BIHAR मेंं नीतीशे कुमार हैं?