नई दिल्ली,आर.कुमार: पाठक बाबा मारलें रंग… पाठक बा..बा… मारले रंग, एहे होरिया में…गुरूजी के कइले बद…रंग…ऐहे होरिया में। जी हां कुछ ईहे भइल बा बिहार में, ई बेरा…चारो ओर रंग के जगह राजनीति मचल बा… पहिले गिरराज बाबू के … विलाप सुनीं…
होली में भाजपा के …विलाप!
गजबे…बनावें ली ना… गिरिराज बाबू… बिहारी बकलोल होला एकर मतलब ई नइखे कि रऊआ कुछो कह देंम… (बिहारी भाई नाराज मत होइए, होशियार रहत ते आपन घर दुआर छोड़ के राज्य…अ राज्य…अ रोजगार ना मांगते फिरते…अ) एक बात बतावे भाजपा वाला लोग…अब केकरा से शिकायत करत बाड़ा लोग…अरे भाई दिल्ली से लेकर पटना तक तोहरे राज बा। नीतीश जी तो खाली पलटू राम रहलें तु लोग त महा-पलटू राम बाड़…अ।
ई होली में खाली भाजपा के लोग ही ना जेडीयू के लोग भी भाजपा के …विलाप राग में राग मिला रहल बा…नीरज बाबू बाड़ें। मालिक नीतीश बाबू और ललन बाबू के बहुते करीब बाड़े। पटने से आउर गांवों से नजदीक बाड़ें। दोंनो लोग एके इलाका के बाड़े। ऊहो फाटक बाबा… माफ करअब होली ह….पाठक बाबा पर जरे से उखड़ल बाड़े… माफ करब … उनका बारे में बता दीं कि उ जेडीयू के एमएलसी भी बाड़े। फाटक बाबा के साफे कहलें ह… होली का त्योहार हो तो उसके देखते हुए ही कार्यक्रम बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर शिक्षकों को होली मनाने का अधिकार नहीं है तो फिर शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों को अधिकार कैसे हैं? शिक्षा विभाग के सचिव केके पाठक पर बरसते हुए नीरज कुमार ने कहा कि वह भी एक दिन की छुट्टी ना लें, अगर उनमें हिम्मत हो। केके पाठक को चैलेंज देते हुए नीरज कुमार ने कहा कि उन्हें अन्य पदाधिकारियों की भी छुट्टी रद्द कर देनी चाहिए औरबिहार मुख्य सचिव को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए।
त सुन लेनी ना इनकर होली में… रस… फाग। का भाई रउआ त डाइरेक्टे सीएम साहब से जुड़ल बानी फिरो काहे के ई होली में रोअत बानी…! एक दमे घुस जाईं…नीतीश बाबू के घरे।
अब जरा पूरा मामला समझ लीं…
दरअसल, बिहार के शिक्षा विभाग 1 से पांचवा कक्षा तक के करीब 20 हजार मास्टर साहब खातिर स्पेशल प्रशिक्षण के आयोजन कइले बा। ई ट्रेनिंग 25 मार्च से लेके 30 मार्च तक चले के बा। आउर एकरा में सबके शामिल होल अनिवार्य बा। जे ट्रेनिंग में शिक्षक शामिल नहीं होई ओकरा खिलाफ कार्रवाई तय बा ।
बस बात एतने बा। मास्टर साहब लोग के कहना बा कि होली में हमरा के होली खेले देवल जाउ। बाद में त चलते रही ट्रेनिंग। अभी पुआ पकवान खाए के टाइम में फाटक बाबा त अकदम रेलेले बाड़ें। अइसिहीं चापले रहीं बाबा। जो होई से देखल जाई…!
गुरुजी तोहरे खातिर खाली होली ह। पुलिस,पत्रकार,सेना,डॉक्टर आउरो लोग त काम करत बा कि ना। पढ़ावल लिखावल साढ़े बाइस और छूट्टी चाहीं। फाटक बाबा, माफ करब… होली ह…पाठक बाबा होली मुबारक। आउर रोए दीं ई भाजपा और जेडीयू के… ये लोग के बोले के कउनो अधिकार बा। ई सब मिलके (भाजपा,जेडीयू,राजद,कांग्रेस, कम्युनिस्ट, हम, तुम सब महा-पलटीबाज बा) ) बिहार के बर्बाद कर देले बा। रऊआ गाते रहीं जोगारा सरर..ररररर।
नोट- भोजपुरी में गलती लिखाइल होई ते रऊआ लोग से माफी मांगत बानी। काहे के हम भोजपुरी भाषी नइखीं। हाथ जोड़के माफी मांगत बानी। गलती सलती माफ करब।