पटना: ब्रिटिश शासन काल मे देश के किसानों से अंग्रेजों ने जबरन नील की खेती कराई जाती थी। उनके पानी पर टैक्स लगाया गया था। उस दौर में देश के किसानों ने अंग्रेजी हुकूमत का डट कर मुकाबला किया था। लेकिन आज आजादी के अमृत काल में देश भर के किसानों के साथ जो मोदी सरकार जो जुल्म कर रही है। उसका दर्द बयां नही किया जा सकता है।
बिहार के बक्सर मुख्यालय से करीब 15 किलोमीटर दूर चौसा में निर्माणाधीन थर्मल पावर प्लांट के मुख्य गेट पर जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे किसानों पर जिला प्रशासन ने जिस प्रकार बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज किया है। किसानों के घर में घुसकर महिलाओं के साथ मारपीट की गई और घर के सामानों को भी तोड़ा गया।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बबलू प्रकाश ने घटना की घोर निंदा करते हुए कहा कि बिहार के किसानों के साथ ब्रिटिश हुकूमत की तरह जुल्म कर रही है। किसानों की जायज मांगों को दबाने के लिए पुलिस बल का प्रयोग करना गैरकानूनी और अमानवीय है। किसानों के घरों में घुसकर महिलाओं पर लाठीचार्ज करना पूरी तरह से निंदनीय है। यह घटना सरकार और प्रशासन की असंवेदनशील रवैया को दर्शाती है।
बबलू ने कहा- सरकार ने 20 गांव के लगभग 309 के आसपास किसानों से थर्मल पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण किया है। किसान उचित मुआवजे की मांग कर रहे है, जो पूरी तरह से न्यायसंगत है। उनके साथ बल प्रयोग करने की बजाय सरकार और प्रशासन को शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए समस्या का समाधान निकालना चाहिए था। आम आदमी पार्टी, बिहार सरकार से मांग करती है कि घायलों को इलाज के लिए पर्याप्त मुआवजा तथा किसानों के जमीन का वाजिब मुआवजा का अविलंब भुगतान किया जाए।