नई दिल्ली: बुधवार का दिन प्रथम पूज्य देव भगवान गणेश के नाम है।धार्मिक मान्यता है कि गणपति बप्पा की पूजा करने और व्रत रखने से ज्ञान और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। इस दिन व्रत और पूजा से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के जीवन से विघ्न और बाधाओं का अंत कर देते हैं।
यों तो प्रतिदिन भगवान गणेश के दर्शन मात्र से पूरा दिन अच्छा बीतता है। इसके अलावा भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक बुधवार को गणेश स्त्रोत का पाठ करना चाहिए।
गणेश स्तोत्र
प्रणम्य शिरसा देवं गौरी विनायकम् ।
भक्तावासं स्मेर नित्यमाय्ः कामार्थसिद्धये ॥॥
प्रथमं वक्रतुडं च एकदंत द्वितीयकम् ।
तृतियं कृष्णपिंगात्क्षं गजववत्रं चतुर्थकम् ॥॥
लंबोदरं पंचम च पष्ठं विकटमेव च ।
सप्तमं विघ्नराजेंद्रं धूम्रवर्ण तथाष्टमम् ॥॥
नवमं भाल चंद्रं च दशमं तु विनायकम् ।
एकादशं गणपतिं द्वादशं तु गजानन् ॥॥
द्वादशैतानि नामानि त्रिसंघ्यंयः पठेन्नरः ।
न च विघ्नभयं तस्य सर्वसिद्धिकरं प्रभो ॥॥
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ।
पुत्रार्थी लभते पुत्रान्मो क्षार्थी लभते गतिम् ॥॥
जपेद्णपतिस्तोत्रं षडिभर्मासैः फलं लभते ।
संवत्सरेण सिद्धिंच लभते नात्र संशयः ॥॥
अष्टभ्यो ब्राह्मणे भ्यश्र्च लिखित्वा फलं लभते ।
तस्य विद्या भवेत्सर्वा गणेशस्य प्रसादतः ॥॥
॥ इति श्री नारद पुराणे संकष्टनाशनं नाम श्री गणपति स्तोत्रं संपूर्णम् ॥