नई दिल्ली: नीतीश कुमार के एनडीए में शामिल हो जाने के बाद सीट शेयरिंग का समीकरण उलझ गया है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में नीतीश कुमार की एंट्री से पहले चिराग पासवान, पशुपति पारस, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी आ चुके थे। लेकिन अब सीट शेयरिंग बीजेपी के लिए चुनौती बना हुआ है।
BJP का सीट शेयरिंग फॉर्मूला !
इस बीच दिल्ली के राजनीतिक गलियारे से खबर है कि बिहार को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने सीट शेयरिंग का एक नया फॉर्मूला तैयार किया है। जिसके तहत राज्य में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के दोनों गुटों को 4 सीट देना का प्रस्ताव है। सूत्रों की माने तो 1 सीट चिराग पासवान को और 3 सीट केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (आरएलजेपी) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस को देना तय हुआ है। पिछले दिनों बीजेपी के एक कद्दावर नेता के आवास पर प्रदेश बीजेपी कोर ग्रुप नेताओं की एक बैठक हुई थी जिसमें इस फार्मूले पर चर्चा की गई थी।
इस बैठक में सभी 17 सीटों पर चर्चा की गई थी। जिसके बाद ये प्रस्ताव सामने आया । इस सीट बंटवारे का आधार मौजूदा सांसद के हिसाब से तय किया गया। जबकि दो सांसदों को बीजेपी और जेडीयू के सिंबल पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भी दिया गया है। हम के जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को 1- 1 लोक सभा सीट का प्रस्ताव दिया गया है।
एनडीए से चिराग पासवान की मांग?
चिराग पासवान अपने आप को रामविलास पासवान का असली उत्तराधिकारी मानते हैं। उनका कहना है कि बीजेपी उन्हें उतनी सीटे दे जो पिछले चुनाव में लोजपा को दी गयी थी। साथ ही चिराग पासवान हाजीपुर सीट से भी चुनाव लड़ना चाहते हैं। वहीं उनके चाचा पशुपति पारस किसी भी हालत में हाजीपुर सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि संपत्ति का उत्तराधिकारी चिराग पासवान हो सकते हैं लेकिन राजनीतिक उत्तराधिकारी मैं ही हूं। वहीं बीजेपी के अंदरखाने कि खबर ये भी है कि बीजेपी चिराग के इस तर्क से वर्तमान हालात को देखते हुए उनसे सहमत नहीं है क्योंकि एलजेपी के दो फाड़ होने और सभी सांसद का चिराग को छोड़कर पारस के साथ चले जाने से उनकी स्थिति कमजोर हुई है।
इंडिया गठबंधन से आ रहे हैं ऑफर
इंडिया गठबंधन ने चिराग पासवान की पार्टी को अपने पाले में लाने के लिए बड़ा ऑफर दिया है। खबरों के अनुसार विपक्षी गठबंधन की तरफ से चिराग पासवान की पार्टी को बिहार में 8 और यूपी में 2 सीटों का ऑफर दिया गया है।
एनडीए में ही रहेंगे चिराग!
अब खबर ये भी है कि चिराग पासवान किसी भी कीमत पर एनडीए नहीं छोड़ना चाहते हैं। लेकिन बीजेपी का ये फार्मूला भी उनके लिए फिट नहीं बैठता है। उधर जमूई सीट से चिराग चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं और इधर चाचा हाजीपुर सीट छोड़ना नहीं चाहते। वहीं बीजेपी को भी पता है कि चिराग के नहीं रहने से एनडीए को भारी नुकसान हो सकता है। ऐसे में खबर ये भी है कि बहुत जल्द गृह मंत्री अमित शाह इस मामले में हस्तक्षेप कर इस सीट बंटवारे के प्रकरण का पटाक्षेप करेंगे। लेकिन इतना तो तय है कि नीतीश कुमार के एनडीए में आ जाने चिराग पासवान, पशुपति पारस, उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी की टेशन बड़ी हुई है। साथ ही बीजेपी भी संतुलन बैठाने में परेशान है।