नई दिल्ली: Parrot Fever: दुनिया अभी कोरोना की मार से उबरी भी नहीं है कि अब यूरोप के कई देशों में Parrot Fever तेजी से पांव फैला रहा है। यह एक जानलेवा बीमारी है। पैरेट फीवर को सिटाकोसिस भी कहते हैं। अब तक इससे 5 लोगों की मौत की खबर है। WHO ने भी इस बीमारी को बेहद खतरनाक करार दिया है। US सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, पक्षियों में पाए जाने वाले एक बैक्टीरिया के कारण पैरेट फीवर तेजी से फैल रहा है। इस बैक्टीरिया से संक्रमित पक्षी के काटने या संपर्क में रहने से बीमारी बढ़ रही है।
सिटाकोसिस क्या है?
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, क्लैमाइडिया सिटासी एक प्रकार का बैक्टीरिया है जो पक्षियों को संक्रमित करता है। हालांकि यह बहुत आम नहीं है, बैक्टीरिया लोगों को भी संक्रमित कर सकता है और ‘सिटाकोसिस’ नामक बीमारी का कारण बन सकता है, जो हल्की बीमारी या निमोनिया (फेफड़ों का संक्रमण) का कारण बन सकता है। इस बीमारी को रोकने के लिए, पक्षियों और पिंजरों को संभालते और साफ करते समय अच्छी सावधानियां बरतनी चाहिए। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि एक संक्रमित पक्षी हमेशा बीमार नहीं लग सकता है, लेकिन जब वह सांस लेता है या शौच करता है तो वह बैक्टीरिया छोड़ सकता है।
यूरोप में तेजी से फैल रहा पैरेट फीवर
अमेरिकी मीडिया CNN की रिपोर्ट में WHO के हवाले से लिखा है, ‘पैरेट फीवर को सिटाकोसिस भी कहते हैं। पिछले साल 2023 की शुरुआत में भी इससे कई लोग संक्रमित हुए थे लेकिन अब इससे मौत भी होने लगी है।’ 2023 में ऑस्ट्रिया में इसके 14 केस मिले थे लेकिन इस साल अब तक मार्च में ही चार केस सामने आ चुके हैं। अब इसके कुल 18 मामले हो गए हैं। वहीं, डेनमार्क में 27 फरवरी तक 23 केस मिलने की पुष्टि हुई है।जबकि जर्मनी में 2023 में 14 मामले मिले थे और इस साल अब तक 5 केस आए हैं। नीदरलैंड में भी 21 संक्रमित सामने आए हैं। अब तक तीन देशों में कुल 60 लोग पैरेट फीवर से संक्रमित मिले हैं।
मानव संक्रमण कैसे होता है?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, मानव संक्रमण मुख्य रूप से संक्रमित पक्षियों के स्राव के संपर्क से होता है। यह ज्यादातर उन लोगों से जुड़ा है जो उन क्षेत्रों में पालतू पक्षियों, पोल्ट्री श्रमिकों, पशु चिकित्सकों, पालतू पक्षी मालिकों और बागवानों के साथ काम करते हैं जहां सी. सिटासी देशी पक्षी आबादी में ‘एपिज़ूटिक’ है।
Parrot Fever के लक्षण
सूखी खांसी होना, बुखार का आना, सिरदर्द होना, मांसपेशियों में दर्द और ठंड लगना है।
Parrot Fever से बचने के उपाय
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन डॉक्टरों को अलर्ट रहने को कहा है। इसके साथ ही पक्षियों को पालने वालों और पक्षियों के साथ रहने वाले लोगों को अच्छी तरह साफ-सफाई रखने की चेतावनी दी है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि जिन लोगों ने पक्षियों को पाला है, उन्हें पिंजरों को साफ रखना चाहिए और भीड़भाड़ से बचना चाहिए। स्थिति को देखते हुए जरूरत है सावधान और सतर्क रहने की।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीकों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।